म.प्र. विधानसभा में जब विधायक आपे से बाहर हुए
गुरुवार को विधानसभा में ऐसा ही कुछ हुआ जब सदस्यों ने एक दूसरे पर निजी टिप्पणी करने तक से परहेज नहीं किया। इस स्थिति पर जब अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कड़ी नाराजगी जताई तब जाकर विधायक और मंत्री शान्त हुए।
विधानसभा में कांग्रेस के रत्नेश सालोमन द्वारा बलराम तालाब के मसले पर उठाए गए सवाल का जब कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया जवाब दे रहे थे, तभी सालोमन ने उन पर इस योजना से अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाकर मामला गरमा दिया। विधायक और मंत्री के बीच नोकझोंक चल ही रही थी कि सत्ता पक्ष के सदस्य व अजय विश्नोई ने टोका-टाकी की।
विश्नोई अपनी बात पूरी कह पाते कि इसके पहले ही कांग्रेस के अजय सिंह ने उनसे कह दिया, "तुम तो दवाई बेचो"। विश्नोई प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। अजय सिंह की टिप्पणी पर पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव और संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सख्त आपत्ति जताई। विजयवर्गीय ने तो चुरहट लाटरी कांड का भी जिक्र कर दिया।
इन व्यक्तिगत टिप्पणियों पर अध्यक्ष रोहाणी ने अप्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि सदन में सदस्यों का यह व्यवहार ठीक नहीं है। सदस्यों को संयमित रहकर अपनी बात कहना चाहिए। अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ सकी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।