तारेगना में बादल, बनारस में डायमंड रिंग
बुधवार को मसौढ़ी अनुमंडल के तारेगना में 3.48 मिनट तक पूर्ण सूर्यग्रहण को देखने के लिए देश तथा विदेश के खगोलविदों तथा वैज्ञानिकों समेत करीब 40, 000 लोग तारेगना पहुंचे थे। बिहार में अधिकांश जगहों पर बादल छाए रहने के कारण आकाश में इस अद्भुत नजारे को देखने से लोग वंचित रह गए। हालांकि पूर्णिया, सहरसा तथा गया सहित कुछ क्षेत्रों के लोगों ने पूर्ण सूर्यग्रहण देखने का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया।
खगोलविद निराश हुए
इधर, पिछले दो दिनों से पटना तथा तारेगना में डेरा जमाए दिल्ली के स्पेस सेंटर के वैज्ञानिक विक्रांत मंडल ने बुधवार को कहा कि बादल रहने के कारण वैज्ञानिकों को निराशा हुई। हालांकि उन्होंने कहा कि पूर्ण सूर्यग्रहण के बाद आसमान से बादल छंट गए थे इस कारण कुछ समय तक सूर्यग्रहण को देखा जा सका।
तारेगना के अलावे पटना के गांधी मैदान, श्रीकृष्ण विज्ञान केन्द्र तथा तारामंडल में भी सूर्यग्रहण देखने के लिए इंतजाम किए गए थे। सूर्यग्रहण के सेंट्रल लाईन पर होने के कारण तारेगना से सूर्यग्रहण अधिक समय तक देखा जाना था। बुधवार को बिहार में सूर्यग्रहण लगभग साढ़े पांच बजे सुबह से शुरू होकर 7.25 बजे तक रहा।
डायमंड रिंग का अदभुत नजारा
वाराणसी
में
विभिन्न
देशों
से
आये
सैलानियों,
खगोलविदों
और
यहां
के
निवासियों
ने
गंगा
नदी
के
तट
पर
खड़े
होकर
सूर्य
ग्रहण
का
नजारा
देखा।
खास
बात
यह
है
कि
भारत
में
सबसे
खूबसूरत
सूर्यग्रहण
यहीं
देखने
को
मिला।
करीब
तीन
मिनट
तक
आसमान
में
हीरे
की
अंगूठी
जैसा
नजारा
देखने
को
मिला।
यही
कारण
है
कि
यहां
के
लोग
खासे
उत्साहित
हुए।
दिल्ली में आंशिक सूर्य ग्रहण देखने को मिला। यहां पिछले दो दिन से छाए बादलों के चलते लोगों को सूर्य ग्रहण दिखने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन सुबह तड़के सारे बादल छंट जाने के कारण यहां के लोग सूर्य ग्रहण का लुत्फ उठा सके।