गंगूबाई हंगल के निधन पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने शोक जताया, अंत्येष्टि बुधवार को (राउंडअप)

By Staff
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अपने शोक संदेश में राष्ट्रपति पाटिल ने कहा, "गंगूबाई हंगल किराना घराने की खयाल गायिकी की एक चर्चित कलाकार और हिंदुस्तानी शैली के शास्त्रीय संगीत की अगुआ थीं। उनके निधन से देश ने एक परिपूर्ण और लोकप्रिय शास्त्रीय गायिका खो दिया है।"

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा है कि गंगूबाई हंगल हिंदुस्तानी शैली की लोकप्रिय शास्त्रीय गायिका थीं। उनके निधन से देश ने इस विधा की एक माहिर कलाकार खो दिया है, जिसकी भरपाई हो पाना कठिन है।

उप राष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी और सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने भी गंगूभाई हंगल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

गंगूबाई हंगल पिछले एक महीने से हृदय व स्वांस की समस्याओं से जूझ रही थीं और उन्हें गुरुवार को हुबली के लाइफलाइन इमर्जेसी केयर सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के समय उनके तीनों बेटों और दो बेटियों सहित परिवार के करीबी सदस्य उनके पास मौजूद थे।

अपने शोक संदेश में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है, "प्रख्यात शास्त्रीय गायिका गंगूबाई हंगल के निधन की खबर सुन कर मुझे गहरा दुख हुआ है। हंगल एक माहिर शास्त्रीय गायिका थीं और उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को संवारने में अमूल्य योगदान दिया है। भारतीय शास्त्रीय संगीत को दिए उनके योगदान के लिए उन्हें कई सारे पुरस्कारों से नवाजा गया। वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी। उनके निधन से देश ने एक अद्वितीय कलाकार खो दिया है।"

सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने अपने शोक संदेश में कहा है, "हिंदुस्तानी शैली के शास्त्रीय संगीत की अगुआ गंगूबाई हंगल को कभी भुलाया नहीं जा सकता।"

हंगल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए प्रख्यात साहित्यकार यू.आर. अनंतमूर्ति ने आईएएनएस से कहा, "गंगूबाई हंगल किराना घराने से संबद्ध थीं और वह एक विशिष्ट गायिका थीं। उनकी गरिमा और उनका आकर्षण नायाब था। उनकी सिर्फ आवाज ही सुरीली नहीं थी, बल्कि शास्त्रीय संगीत की बारीकियों पर भी उनकी अद्भुत पकड़ थी।"

चर्चित नाटककार और अभिनेता गिरीश कर्नाड ने कहा कि हंगल ने छह दशकों तक संगीत प्रेमियों के दिलोदिमाग पर अपना जादू कायम रखा।

कर्नाड ने कहा, "वह एक माहिर कलाकार थीं और अपनी प्रतिभा के लिए हमेशा याद की जाती रहेंगी। कर्नाटक और पूरी दुनिया का कला समाज उन्हें और उनकी गायन शैली को हमेशा याद करता रहेगा।"

कर्नाटक सरकार ने गंगूबाई हंगल के निधन पर दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। हंगल का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को हुबली में किया जाएगा।

राज्य विधानमंल के दोनों सदनों को हंगल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।

मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा, विधानसभा अध्यक्ष जगदीश शेट्टर, विधानपरिषद अध्यक्ष वीरन्ना मत्तिकत्ती और विपक्ष के नेता कांग्रेस के सिद्दारमैया गंगूबाई हंगल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने हुबली के लिए रवाना हो गए हैं।

हंगल का शव आम लोगों के दर्शन के लिए हुबली के मध्य एक पार्क में स्थित इंदिरा ग्लास हाउस में रखा गया है। हंगल के सैकड़ों प्रशंसक उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए पार्क में कतारबद्ध थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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