'भारत के साथ रक्षा सौदों के लिए सबसे बेहतर समय'
वाशिंगटन, 21 जुलाई (आईएएनएस)। अमेरिका की भारत के साथ व्यापार की प्रमुख संस्था ने कहा कि विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन के नई दिल्ली दौरे के दौरान जिन समझौतों को अंतिम रूप दिया गया, वे रक्षा सौदों को ऐसे स्तर ले जाने में सक्षम होंगे जैसा कि पहले कभी नहीं हुआ।
अमेरिका का व्यापार जगत भारत के बड़े रक्षा सौदों जिनमें 10 अरब डॉलर में126 अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमानों की खरीद भी शामिल है, पर निगाह लगाए हुए है।
दोनों देशों के बीच हुए 'एंड यूज मानीटरिंग' (ईयूएम) समझौते का स्वागत करते हुए अमेरिका भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने उल्लेख किया कि भारत ने वर्ष 2012 तक अपने रक्षा तंत्र को अत्याधुनिक बनाने के लिए दुनिया की बेहतरीन प्रौद्योगिकी की खरीद के वास्ते 40 अरब डॉलर का बजट रखा है।
समझौते से अमेरिकी कंपनियों को भारत के सुरक्षा तंत्र में बदलाव और उन्नतिकरण में सहयोग देने का रास्ता साफ होगा।
यूएसआईबीसी ने कहा कि ईयूएम सही दिशा में एक सकारात्मक कदम है और उसकी कार्यसूची में सबसे ऊपर भारत में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत कराना है।
यूएसआईबीसी ने कहा कि इस समझौते से विमान निर्माता लॉकहीड मार्टिन और बोइंग कंपनियों को सबसे अधिक फायदा होगा। दोनों कंपनियां 10 अरब डालर के बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान की बोली लगाने में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
दोनों अमेरिकी कंपनियों को रूस के मिग-35,फ्रांस के डसाल्ट राफेल,स्वीडन के सैब ग्रिपेन और यूरोफाइटर टाइफून से मुकाबला करना पड़ रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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