बंगाल की खाड़ी तक पहुंचा चीन
अराकान तट पर यूप्यू बंदरगाह के पास फिलहाल चीन अपने नौसैनिक जहाजों का बेस बनाएगा, जो गैस पाइप लाइन और आने वाले जहाजों की सुरक्षा करेंगे। पाइप लाइन बनाने का काम सितंबर से शुरू होगा, जो वर्ष 2013 तक पूरा हो जाएगा। अगस्त से यूप्यू बंदरगाह पर चीन के वे जहाज रुकने लगेंगे, जो पश्चिम एशिया और अफ्रीका से कच्चा तेल लेकर चीन जा रहे होंगे।
सेना की पूर्वी कमान के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि चीन को हमेशा डर रहा है कि सुमात्रा द्वीप के बीच स्थित मलक्का की पहाड़ियों का रास्ता बड़ी ताकतें कभी भी बंद करा सकती हैं। चीन विकल्प की तलाश में था। जो उसे म्यांमार के गैस फील्ड के रुप में मिल गया।
हालांकि पहले म्यांमार ने भारत को यहां के एक ब्लॉक में उत्खनन करने की सहमति दी थी लेकिन चूंकि पाईप लाइन बांग्लादेश के रास्ते आने वाली थी और बांग्लादेश ने इसकी इजाज़त नहीं दी। इससे चीन को मौका मिल गया। चीन को यह ठेका 30 साल के लीज पर मिला है।