रामायण की आलोचना करता रहूंगा: करुणानिधि
करुणानिधि ने यह बात केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली की किताब 'रामायण पेरूंथेदलै' (यानी रामायण की तलाश) का विमोचन करने के बाद कही। करुणानिधि ने कहा कि इस किताब में मोइली ने रामायण की अलग व्याख्या की है, जिससे वो प्रभावित हुए। यही कारण है कि उन्होंने इस किताब के विमोचन का फैसला किया।
रामायण से अलग है मोइली की किताब
करुणानिधि ने कहा कि मोइली की यह किताब रामायण के मूल संस्करण से अलग है और इसमें मोइली ने निर्भयतापूर्वक अपने विचार व्यक्त किए हैं। इस मौके पर मोइली ने कहा कि उनकी किताब सिर्फ रामायण का वर्णन नहीं है, बल्कि इसमें हर पेज में पाठकों के लिए एक संदेश है।
गौरतलब है कि कुछ साल पहले जब हिंदू संगठनों ने सेतु समुद्रम का मुद्दा उठाया था तब भी करुणानिधि ने भगवान राम को वैकल्पिक पात्र करार देते हुए कहा था कि क्या वो कोई इंजीनियर थे, जिन्होंने रामेश्वरम से श्रीलंका तक राम सेतु का निर्माण किया। करुणानिधि के उस बयान का देश भर में जमकर विरोध हुआ था।