मनमोहन-गिलानी ने कहा, आतंकवाद मुख्य चुनौती
गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए दोनों नेताओं ने एक बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध हैं और इस संदर्भ में एक दूसरे की मदद करेंगे।
गिलानी के साथ बैठक के दौरान मनमोहन सिंह ने एक बार फिर कहा कि मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे तक लाने की जरूरत है।
संयुक्त वक्तव्य के अनुसार गिलानी ने भरोसा दिलाया है कि पाकिस्तान इस संबंध में हरसंभव उपाय करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने मुंबई हमले के संबंध में अब तक की गई जांच के दस्तावेज मुहैया कराए हैं और उसे इस संबंध में अतिरिक्त सूचना और साक्ष्य का इंतजार है।
प्रधानमंत्री सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से मिले दस्तावेज की समीक्षा की जाएगी।
दोनों नेताओं ने इस पर सहमति जताई कि दोनों देश भविष्य में आतंकी हमलों के संबंध में तात्कालिक, विश्वसनीय और कार्रवाई परक सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे।
दोनों नेता इस पर एकमत हुए कि बातचीत के जरिये ही किसी मसले पर आगे बढ़ा सकता है और संयुक्त वार्ता प्रक्रिया को आतंकवाद पर कार्रवाई से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सभी बकाया मसलों सहित सभी मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान स्थायी और लोकतांत्रिक देश के रूप में सामने आए।
दोनों नेताओं ने इस पर सहमति जताई कि क्षेत्र में गरीबी दूर करना और विकास मुख्य चुनौती है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्धता जताई।
संयुक्त वक्तव्य के अनुसार जब भी जरूरी हो दोनों देशों के विदेश सचिवों की बैठक होनी चाहिए। दोनों देशों के विदेश मंत्री आगामी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान मिलेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।