नक्सलवाद से निपटने में सुस्त रही सरकारें : चिदंबरम (लीड-1)
उन्होंने राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान कहा, "मैं खेदपूर्वक कहना चाहता हूं कि हम चरमपंथी वामपंथ के खतरे का सामना सही तरीके से नहीं कर पाए। आज इसने एक बड़ी चुनौती पैदा कर दी है। हम इस चुनौती से निपटने की तैयारी कर रहे है और इसका खुलासा नहीं किया जा सकता।"
गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद नक्सल प्रभावित राज्यों का दौरा किया है। सरकार नक्सलियों से निपटने की रणनीति तैयार करने के लिए अगस्त में एक बैठक करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, "अब हमारे पास रणनीति बनाने में सहयोग करने के लिए एक सैन्य सलाहकार हैं।"
चिदंबरम का यह बयान छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में रविवार को 29 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद आया है।
चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद के खतरों से निपटने के लिए वह किसी गैर सरकारी तंत्र के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं है।
राज्यसभा में इस मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए चिदंबरम ने स्पष्ट किया, "मैं नक्सलवाद से मुकाबले के लिए गैर सरकारी तंत्र के पक्ष में नहीं हूं। मैं चाहता हूं इससे सरकार स्वयं निपटे।"
सरकार के इस रुख का निशाना छत्तीसगढ़ सरकार है। छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खिलाफ सरकारी सहायता से एक गैर सरकारी तंत्र 'सल्वा जुडूम' चला रही है। मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर इस तंत्र की काफी आलोचना हो रही है।
एक पूरक सवाल पर चिदंबरम ने कहा, "मुझसे स्पष्ट तौर पर सलवा जुडूम के बारे में सवाल पूछा गया है और मैंने स्पष्ट उत्तर दे दिया है। मैं चरमपंथियों से निपटने के लिए किसी भी गैर सरकारी तंत्र के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हूं।"
उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह अब मोटे तौर पर मेरे ही रास्ते पर चल रहे हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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