लंदन में निवेश करने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर
लंदन, 15 जुलाई (आईएएनएस)। पिछले वर्ष लंदन में निवेश करने के मामले में अमेरिका और भारत एक बार फिर क्रमश: पहले व दूसरे स्थान पर रहे।
मंदी के दौर में दोनों देशों के निवेश से यहां कम से कम छह हजार नौकरियों को बचा लिया गया।
लंदन की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एजेंसी 'थिंक लंदन' ने बुधवार को बताया कि वित्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान निवेश लक्ष्य पार कर गया और 26 देशों ने लंदन में 178 व्यापारिक प्रतिष्ठानों की स्थापना की या फिर उनका विस्तार किया।
इसमें सबसे ज्यादा 56 परियोजनाएं अमेरिकी देशों से आईं जबकि भारतीय उद्योगपतियों ने 22 व्यापारिक प्रतिष्ठानों की स्थापना या उनका विस्तार किया। चीन व जापान से 12-12 परियोजनाएं आईं। वित्तीय वर्ष 2007-08 में भी सबसे ज्यादा निवेश करने के मामले में अमेरिका और भारत शीर्ष पर थे।
इस दौरान भारत की पहली और एक मात्र फाइव स्टार एयरलाइंस 'किंगफिशर' जो 64 शहरों को जोड़ती है, ने लंदन में अपना यूरोपी मुख्यालय खोला, जिससे 100 लोगों को नौकरी मिली।
बुधवार को जारी थिंक लंदन की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है विदेशी निवेश से यहां 6190 नौकरियां बचाई जा सकी और लंदन की अर्थव्यवस्था को 1.15 अरब डॉलर की निवेश सहायता मिली।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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