लड़कियों के कौमार्य परीक्षण पर विवाद
वहीं
प्रशासन
इसे
कौमार्य
परीक्षण
न
मानते
हुए
इसे
सामान्य
चिकित्सकीय
परीक्षण
बता
रहा
है।
सोमवार
को
इस
मामले
की
गूंज
संसद
में
भी
सुनाई
दी।
मध्य
प्रदेश
सरकार
ने
गरीब
परिवार
की
लड़कियों
के
ब्याह
कराने
के
साथ
उन्हें
आर्थिक
मदद
देने
के
मकसद
से
मुख्यमंत्री
कन्यादान
योजन
शुरू
की
है।
सरकारी
सहायता
इस योजना के तहत विभिन्न स्थानों पर सामूहिक विवाह आयोजित किए जा रहे है। इस आयोजन में शादी करने वाली लड़कियों को नगद पांच हजार रुपए के अलावा घरेलू उपयोग का सामान भी सरकार की ओर से दिया जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि गरीब परिवार जहां अपनी बेटियों की शादी इस योजना के जरिए कराकर सामाजिक दायित्व से मुक्त होना चाहते हैं, वहीं कुछ लोग इन शादियों के जरिए आर्थिक लाभ अर्जित करने में पीछे नहीं है।
अभी हाल ही में शहडोल जिले में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 13 ऐसी लड़कियां शादी कराने पहुंच गई जो गर्भवती थी। इस आयोजन में कुल 151 विवाह होना था। मगर 13 लड़कियों के गर्भवती पाए जाने पर सिर्फ 138 लड़कियों की शादी कराई गई।
गर्भवती थीं लड़कियां
प्रशासनिक
अधिकारियों
के
मुताबिक
इस
समारोह
में
महिला
रोग
विशेषज्ञ
की
भी
तैनाती
की
गई
थी,
जिन्होंने
लड़कियों
से
उनकी
निजी
समस्याएं
पूछी
और
कुछ
महिलाओं
द्वारा
माहवारी
न
होने
की
बात
कहे
जाने
पर
उनका
चिकित्सकीय
परीक्षण
कराया
गया
तो
13
महिलाएं
गर्भवती
निकली।
महिलाओं
का
अपमान
सामाजिक कार्यकर्ता आरती पांडे ने शहडोल में हुई घटना को महिलाओं के लिए अपमान बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं से शहडोल में मजाक हुआ है और प्रशासन ने सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर असंवैधानिक कृत्य करने में भी हिचक नहीं दिखाई है।
दूसरी और राज्य महिला आयोग की सदस्य सुषमा जैन ने कहा है कि लालच में आकर कई लोग अपनी बेटियों की दूसरी बार भी शादी करा देते हैं। शहडोल में भी ऐसा ही कुछ हो रहा था जो चिकित्सकीय परीक्षण से सामने आ गया। सुषमा जैन का कहना है कि जब लोग पैसा पाने के लिए किसी भी हद तक पहुंचने लगें तो उन्हें रोकने के लिए कोई न कोई रास्ता तो खोजना ही होगा।
लड़कियों का कथित तौर पर कौमार्य परीक्षण कराए जाने के मामले की गूंज कल संसद में भी सुनाई दी जहां कांग्रेस के सांसद संतोष बागरौदिया ने इस मामले को उठाया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।