आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाएंगे मनमोहन-सरकोजी
पेरिस, 14 जुलाई (आईएएनएस)। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खतरे सहित विस्तृत मुद्दों पर चर्चा के दौरान द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
पेरिस में दोपहर भोज के दौरान दोनों नेताओं ने भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक और मध्य पूर्व की स्थिति सहित अन्य क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
आतंकवाद के सफाए के लिए सहयोग मजबूत करने की आवश्यकता को देखते हुए दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाने का वादा किया।
उन्होंने असैन्य परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष तथा सैन्य क्षेत्र में सहयोग पर संतोष जाहिर किया।
भारत को दुनिया के महान लोकतंत्रों में से एक बताते हुए सरकोजी ने कहा, "भारत 21वीं सदी की एक बड़ी ताकत है और सभी बड़े वैश्विक मुद्दों में इसका शामिल होना आवश्यक है।"
मनमोहन सिंह ने सरकोजी को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया और उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही भारत का दौरा करेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस परेड के पहले विदेशी मुख्य अतिथि मनमोहन सिंह ने कहा कि इस शानदार परेड से महान राष्ट्र की ताकत और गतिशीलता प्रदर्शित होती है।
आर्क डी ट्रिम्फे से पैलेस डी ला कोंकार्ड तक की परेड का नेतृत्व लाल पगड़ी पहने महाराष्ट्र लाइट इंफैन्ट्री के जवानों ने किया। भारतीय नौसेना और वायुसेना के जवानों ने भी परेड में हिस्सा लिया।
मनमोहन सिंह ने कहा कि परेड का नेतृत्व करने का मौका भारतीय सेना के सदस्यों को मिलना भारत का सम्मान है।
उन्होंने कहा कि 14 जुलाई की तिथि केवल फ्रांस के लिए ही अनिवार्य नहीं है। फ्रांसीसी क्रांति विश्व इतिहास के उस क्षण को परिभाषित करता है जब आम आदमी ने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में केंद्रीय स्थान हासिल करना आरंभ किया। फ्रांसीसी क्रांति के स्वतंत्रता, समानता और भातृत्व के आदर्श ने भारत के स्वतंत्रा सेनानियों और संविधान निर्माताओं को प्रेरित किया।
मनमोहन सिंह ने इस महान अवसर पर भारत को सम्मानित स्थान देने के लिए सरकोजी को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री इसके बाद मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित गुट निरपेक्ष देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।