विकास के लिए उच्च उधार व घाटा अपरिहार्य : मुखर्जी
लोकसभा में आम बजट पर चर्चा के बाद अपने जवाब में मुखर्जी ने कहा, "मुझे यह खतरा लेना पड़ा लेकिन मैं मानता हूं कि उधार की इस दर को बनाए रखना संभव नहीं है। हमें उच्च आर्थिक विकास की दर पर लौटना पड़ेगा।"
मुखर्जी ने कहा कि चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों द्वारा की गई आलोचना से वह अवगत हैं विशेषकर उच्च सरकारी उधार, जो बढ़कर 391,000 करोड़ रुपये हो गया है, और बजट घाटे को लेकर।
पिछले वित्त वर्ष 6.7 फीसदी के विकास दर के संदर्भ में उन्होंने कहा, "वित्त मंत्री के रूप में मैंने साहसिक कदम उठाया है। इस आशा के साथ कि बदलाव होगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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