भारत और पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों का शांति प्रक्रिया बहाल करने का आग्रह
दोनों देशों के बुद्धिजीवियों के एक समूह ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा है कि पूरी दुनिया के शांतिप्रिय लोगों को मिस्र के शर्म-अल-शेख में गुट निरपेक्ष आंदोलन (नैम) के शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की प्रस्तावित बैठक से बहुत आशाएं हैं।
नैम से विश्व शांति को बढ़ावा देने का अपील करते हुए उन्होंने 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद से स्थगित शांति प्रक्रिया को बहाल करने का आग्रह किया है।
बहरहाल रूस में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच बर्फ कुछ पिघली है,जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बीच मुलाकात हुई।
इसके बाद इटली में विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मुलाकात हुई।
बुद्धिजीवियों के इस बयान पर महेश भट्ट, कमल भसीन (संगत), मीना मेनन और राजन बेरी (फोकस आन ग्लोबल साउथ),कमल मित्र शेनॉय (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय),जतिन देसाई(पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी),मजहर हुसैन (सीओवीए),संदीप पांडेय (नेशनल एलायंस फार पीपुल्स मूवमेंट) और कविता श्रीवास्तव (जयपुर) ने हस्ताक्षर किए हैं।
पाकिस्तान की ओर से इस बयान पर करामत अली और बी.एम.कुट्टी ने हस्ताक्षर किए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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