नक्सली हमले में 30 पुलिसकर्मी शहीद
श्रृंखलाबद्घ हमला
राज्य में अब तक हुए सबसे बड़े श्रृंखलाबद्घ नक्सली हमले में पहली बार किसी एसपी स्तर के अधिकारी की मौत हुई है। जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने यह हमला सुनियोजित तरीके से सिलसिलेवार ढंग से किया। पहला हमला मदनवाड़ा चौकी के पास हुआ। यह जिला मुख्यालय से 107 किलोमीटर दूर है। यहां करेली और कोरकट्टी के बीच सीएएफ का कैंप है। इसी कैंप के जवान जब सुबह 4.30 बजे दैनिक कर्म के लिए निकले थे, तभी उन पर नक्सलियों ने फायरिंग की।
राजनांदगांव
के
एक
पुलिस
अधिकारी
ने
कहा,
"नक्सल
समूह
पीपुल्स
लिबरेशन
गुरिल्ला
आर्मी
(पीएलजीए)
के
करीब
200
सशस्त्र
कार्यकर्ताओं
ने
100
पुलिसकर्मियों
वाले
एसपी
के
काफिले
पर
बारूदी
सुरंग
विस्फोट
के
जरिये
हमला
किया
और
फिर
अंधाधुंध
गोलीबारी
शुरू
कर
दी।"
अधिकारी
ने
कहा
कि
पुलिसकर्मियों
ने
जवाबी
गोलीबारी
की
लेकिन
पीएलजीए
के
सशस्त्र
विद्रोही
उन
पर
हावी
हो
गए।
इसके
बाद
नक्सली
शहीद
पुलिसकर्मियों
के
हथियार
लेकर
फरार
हो
गए।
राष्ट्रपति
शासन
की
मांग
एसपी चौबे के शहीद होने की खबर से पुलिस महकमा स्तब्ध है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन और गृह मंत्री ननकीराम कंवर समेत आला अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं। घायलों को राजनांदगांव जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों को हेलीकाप्टर के जरिये रायपुर लाया गया है।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हमले के बाद रविवार दोपहर की अपनी तय नागपुर यात्रा को रद्द कर दिया और घायल पुलिसकर्मियों के बचाव के लिए गृह विभाग से हेलीकाप्टर भेजने को कहा है। छत्तीसगढ़ की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने रमन सिंह सरकार पर नक्सलियों से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।