भारत ने गुट निरपेक्ष देशों की एकता का आह्वान किया
मिस्र के शर्म अल-शेख में सोमवार से शुरू हुई नाम के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा ने कहा, "आतंकवाद से निपटने के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा प्रासंगिक शांति और विकास के लिए कहीं भी अंतर्राष्ट्रीय एकता नहीं है। जबकि आतंकवाद लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा बना हुआ है।"
बुधवार को आयोजित होने वाले 15वें नाम शिखर सम्मेलन के पूर्व कृष्णा ने कहा, "आतंकवाद की समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकता और नाम के देशों में एकता आवश्यक है।"
विदेश मंत्री ने कहा, "हम नाम के सदस्यों का आह्वान करते हैं कि वे एक मत से आतंकवाद की निंदा करें। इस तरह की हरकतों को सही ठहराने के लिए किसी भी वजह का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में आयोजित आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के दौरान की गई चर्चाओं को तत्काल अपनाए जाने की जरूरत है।"
इधर, सोमवार को फ्रांस और मिस्र के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शीत युद्ध के बाद के दिनों में गुट निरपेक्ष आंदोलन की प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि भारत नाम की मजबूती के लिए अपनी भूमिका निभाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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