भारत व रूस के बीच गोर्शकोव की कीमत पर बातचीत अंतिम चरण में
ज्ञात हो कि भारत की ओर से सौदे को समय पर निपटाने के लिए हाल में दबाव बनाया गया था और बढ़ी कीमतों को लेकर पैदा हुए गतिरोध को सुलझाने के लिए जुलाई अंत तक का समय निर्धारित किया गया था। रूसी दल को उम्मीद है कि वह इस मामले को सुलझा लेगा और उसके बाद एक नए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एक 30 सदस्यीय रूसी दल कुछ समय से दिल्ली में है। यह दल गोर्शकोव की कीमत में हुई बढ़ोतरी पर अंतिम बातचीत के लिए यहां आया हुआ है।"
मई महीने के अंत में भारत सरकार ने कीव श्रेणी के इस विमान वाहक पोत के लिए रूस को 10.20 करोड़ डॉलर की राशि अदा की थी।
भारत व रूस ने वर्ष 2004 में 94.80 करोड़ डॉलर में गोर्शकोव के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन वर्ष 2007 में यह परियोजना उस समय सूर्खियों में छा गई, जब इस पोत की आपूर्ति तारीख आगे बढ़ा दी गई और रूस ने इसकी कीमत में बढ़ोतरी कर दी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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