भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन की मजबूती,फ्रांस से परमाणु संबंधों के हक में (लीड-1)
पेरिस में 14 जुलाई को राष्ट्रीय दिवस समारोहों में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने के बाद सिंह मंगलवार को गुटनिरपेक्ष देशों के 15 वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मिस्र के शर्म-अल-शेख रवाना हो जाएंगे।
भारत और फ्रांस के बीच करीबी और व्यापक रणनीतिक भागीदारी का हवाला देते हुए सिंह ने कहा, "हम व्यापार और निवेश, उच्च प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और
वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्रों में अपनी भागीदारी बढ़ाना चाहेंगे।"
रवानगी से पहले जारी बयान में सिंह ने शीतयुद्ध के बाद से दौर में गुटनिरपेक्षता की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत इसे मजबूती प्रदान करने में भूमिका निभाएगा।
सिह ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय से ही गुटनिरपेक्ष आंदोलन भारतीय विदेश नीति का आधार रहा है। उन्होंने कहा, "गुटनिरपेक्ष आंदोलन का वैविध्य और सार्वभौमिकता वर्तमान चुनौतियों से निपटने का अनूठा अवसर उपलब्ध कराती हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत, गुटनिरपेक्ष आंदोलन को उसका उच्च नैतिक आधार फिर दिलाने में सहायता करेगा ताकि वह विकासशील देशों के समक्ष आ रही समस्याओं या सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय शासन प्रणाली के ढांचे में सुधार जैसे मसलों को सुलझा सके। "
प्रधानमंत्री इस यात्रा के दौरान शर्म-अल-शेख में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से भी मुलाकात करने वाले हैं।
दोनों नेताओं की इस बैठक से पहले दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच बातचीत होगी। इस बातचीत पर सभी नजर रहेगी क्योंकि इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच समग्र वार्ता की दोबारा शुरुआत हो सकती है।
गिलानी के अलावा प्रधानमंत्री बांग्लादेश, मिस्र, नेपाल, श्रीलंका और वियतनाम के नेताओं से भी मिलेंगे।
भारत कई बार स्पष्ट कर चुका है कि उसकी स्वतंत्र विदेश नीति और गुटनिरपेक्ष देशों के लिए प्रतिबद्धता, सभी मुख्य शक्तियों के साथ रिश्ते प्रगाढ़ बनाने के लक्ष्य का ही अंग है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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