अलकायदा को खत्म करने की योजना थी!
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार अमेरिका के इस अति गोपनीय अभियान की गतिविधियां स्पष्ट नहीं है और सीआईए ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है लेकिन कुछ अधिकारियों ने कहा कि इसमें अलकायदा के सदस्यों को पकड़ने या मारने के वर्ष 2001 के राष्ट्रपति के निर्देश का पालन किया जाना था।
सूत्रों ने सीआईए के कुछ वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के हवाले से कहा कि एजेंसी ने योजना और प्रशिक्षण पर धन खर्च किए लेकिन सीआईए के निदेशक लियोन पेनेटा का कार्यकाल जून में खत्म होने के बाद इस पर पूरी तरह अमल नहीं किया गया।
सांसदों पर कई आरोप लगाए
कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने सीआईए और पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश के प्रशासन पर सांसदों को धोखा देने और कानून के अनुसार कार्यक्रम की गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया है।
पेनेटा ने स्वीकार किया कि इस योजना पर कांग्रेस से पर्याप्त चर्चा नहीं की गई। राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान बने नए सीआईए निदेशक ने कहा कि उन्हें इसके बारे में केवल 23 जून को ही पता चला और उन्होंने इसे तत्काल रोकने का आदेश दिया।
जार्ज बुश ने दिए थे आदेश
वाल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार अधिकारियों की योजना सीआईए और सेना के विशेष कंमाडो दस्ते के सदस्यों के दल बनाने की थी। ये दल वर्ष 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में इजरायली खिलाड़ियों पर हुए हमलों के बाद इजरायल द्वारा दी प्रतिक्रिया के समान कार्रवाई करने वाले थे।
उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक में जांच में सीआईए को राजनीतिक हत्याओं के दोषी पाए जाने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड ने सीआईए द्वारा राजनीतिक हत्याओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। जार्ज बुश ने वर्ष 2001 के आतंकवादी हमले के बाद सीआईए को अलकायदा सदस्यों को पकड़ने और मारने का निर्देश दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।