महिला सैन्य अधिकारी का कोर्ट मार्शल
अदालत ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में सेना की आपूर्ति कोर में तैनात कैप्टन पूनम कौर को गलत आरोप लगाने और मीडिया में सूचना लीक करने का दोषी भी करार दिया।
इंक्वायरी के दौरान रहीं खामियां
सेना में कोर्ट मार्शल से पहले होने वाली 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी" के दौरान पूनम के वकील एसके अग्रवाल ने कहा, “कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के दौरान सुनवाई में कई खामियां रही हैं। इस दौरान पूनम द्वारा अपने वरिष्ठों के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न की भी जांच नहीं की गई। जांच की जगह उन्होंने कोर्ट मार्शल शुरू कर दिया और पूनम को दोषी करार दे दिया।"
कालका सैन्य केंद्र में तैनात पूनम कौर ने जुलाई 2008 में मीडिया के समक्ष यह आरोप लगाए थे। उसने यह भी आरोप लगाया था कि सेना ने उसे नजरबंद कर दिया था।
रक्षा मंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
सेना ने तत्काल पूनम के आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि वे पहले भी कई आरोप लगा चुकी हैं और उनके मानसिक रूप से कमजोर होने की बात उसके कार्यालय के प्रारुप में दर्ज है।
इस मामले में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सेना को पूनम कौर के मानसिक और शारीरिक यातना के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था। पूनम के वकील अग्रवाल ने कहा कि उसने कभी भी मीडिया से बात नहीं की। उल्लेखनीय है कि 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी" शुरू होने के दौरान पूनम पर 21 आरोप लगाए थे जिसमें से 11 आरोप बाद में हटा लिए गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस