मंदिरों, गुरुद्वारों में समलैंगिक शादी नहीं
विश्व हिन्दू परिषद के मीडिया प्रभारी विनोद बंसल ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के हाल के फैसले के बाद 7 समलैंगिक जोड़ों के शादी करने के मद्देनजर धार्मिक संस्थाओं को यह फैसला करना पड़ा।
बैठक में सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा , गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी , राष्ट्रीय सिख संगत , आर्य समाज , जैन और बौद्ध समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया , जिन्होंने समलैंगिकता पर आए अदालती फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
समलैंगिकता को प्रकृति के खिलाफ घोर अपराध बताते हुए धार्मिक संस्थाओं ने मांग की है कि केंद्र सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। धार्मिक संगठनों के उनुसार इस तरह के रिश्तों से पारिवारिक व्यवस्था चरमरा जाएगी।
धार्मिक प्रतिनिधियों ने कहा कि समलैंगिकता को कानूनी वैधता प्रदान करने से वंश परंपरा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और इससे सामाजिक ताना बाना बिखर जाएगा।