शराबबंदी को लेकर माल्या व गुजरात सरकार के बीच वाक्युद्ध (लीड-1)
माल्या ने एक बयान में कहा, "नकली शराब पीने से हुई मौतें न केवल त्रासदीपूर्ण हैं, बल्कि राजनीतिक पाखंडियों को इससे सबक भी लेने की जरूरत है। नरेंद्र मोदी को अच्छी तरह पता है कि हर ब्रांड की शराब राज्य में उपलब्ध है।"
माल्या ने कहा, "शराब बंदी थोपी नहीं जा सकती, लिहाजा इस नाटक के कारण अवैध, अस्वास्थ्यकर व जहरीली शराब के अनियंत्रित उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है, जिसके कारण बेगुनाहों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। यह एक ऐसा मौका आया है, जब लोगों के स्वास्थ्य के हितों को लेकर राजनेताओं की नीयत की हकीकत खुल कर सामने आ गई है।"
लेकिन मोदी सरकार की ओर से बोलते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जयनारायण व्यास ने माल्या को जम कर फटकार लगाई है।
ज्ञात हो कि माल्या युनाइटेड ब्रेवरीज और युनाइटेड स्प्रिट्स जैसी शराब कंपनियों के मालिक हैं।
व्यास ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, "गुजरात में क्या करना चाहिए, यह गुजरात सरकार का अपना अंदरूनी मामला है, लिहाजा माल्या को इस तरह के सुझाव देने से बाज आना चाहिए।"
अहमदाबाद में मंगलवार को सामने आए शराब हादसे में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर मजदूर हैं।
राज्य में वर्ष 1960 से, यानी राज्य के गठन के समय से ही शराबबंदी लागू है।
व्यास ने यह भी कहा कि हाल के महीनों में केरल, कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में इस तरह की घटनाएं घटी हैं, जबकि उन राज्यों में शराबबंदी लागू नहीं है।
इस बीच राज्य सरकार ने 10 पुलिस कांस्टेबलों का स्थानांतरण कर दिया है और दो पुलिस निरीक्षकों की पदावनति कर उन्हें सहायक पुलिस निरीक्षक बना दिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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