बिहार में बेलगाम हुए अपराधी
पुलिस मुख्यालय में दर्ज आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2007 में अपहरण की घटनाओं की संख्या 2,092 थी लेकिन वर्ष 2008 में यह संख्या सभी अनुमान झुठलाते हुए 2735 तक जा पहुंची। इस वर्ष मई तक ही यह आंकड़ा 1194 तक जा पहुंचा था। वर्ष 2007 में बिहार में कुल 1,18,176 आपराधिक घटनायें हुई थीं। वर्ष 2008 में इनकी संख्या बढ़कर 1,30,693 हो गई और वर्ष 2009 के मार्च तक इसकी संख्या 32,488 तक पहुंच चुकी थी।
प्रेमियों ने अपनी प्रेमिकाओं तक का किया अपहरण
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक नीलमणि का कहना है कि अपहरण के मामलों में वृद्धि की वजह बिहार में अपराधियों का बेलगाम हो जाना नहीं है। बल्कि इनमें विवाह की नीयत से किये गए अपहरण तथा प्रेमियों द्वारा प्रेमिकाओं के अपहरण भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मर्जी से घर से भाग जाने के मामलों को भी अपहरण बता दिया जाता है।
पुलिस मुख्यालय में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2006 में फिरौती के लिए अपहरण के 194 मामले दर्ज किये गये थे। जबकि वर्ष 2007 में राज्य के सभी थानों में ऐसे कुल 89 तथा 2008 में मात्र 66 मामले ही पंजीकृत किये गये। इस वर्ष मई तक फिरौती के लिए अपहरण के 30 मामले दर्ज किए जा चुके थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।