जी-8 में ग्रीन फंड पर सकारात्मक रुख : भारत (राउंडअप)
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने अमीर देशों के संगठन जी-आठ का विस्तार किए जाने की बात कही है।
जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री के विशेष दूत श्याम सरन ने शुक्रवार को कहा कि जी-आठ के सदस्यों द्वारा ग्रीन फंड को वित्तीय सहायता प्रदान करने की बात कही गई जो कि एक सकारात्मक कदम है।
सरन ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन ने 100 अरब डॉलर की राशि वाले इस फंड के गठन का सुझाव दिया था।
उल्लेखनीय है कि विकसित जी-8 के सदस्य सन 2020 तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 40 फीसदी और 2050 तक 80 फीसदी कम करने की जी-5 देशों की मांग पूरी करने को तैयार नहीं हुए हैं। यद्यपि विकसित देशों ने सन 2050 तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 50 फीसदी तक कम करने पर सहमति जताई है।
फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने कहा, "जी-आठ अब आर्थिक संकट से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं रहा है। इसमें रूस, भारत और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हमें इसमें तीन देशों को शामिल करना ही चाहिए। इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।"
सरकोजी ने कहा कि जी-आठ के साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी विस्तार होना चाहिए और इसमें जापान जर्मनी और भारत को स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए।
उधर जी8 ने ईरान में जारी संकट के लिए वहां के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद की शुक्रवार को खुली निंदा की। ईरान में हाल में घटी घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए जी8 के नेताओं ने वहां चुनाव बाद हुई हिंसा, मीडिया के साथ हस्तक्षेप, पत्रकारों को बेवजह हिरासत में लेने और विदेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की निंदा की।
नेताओं ने चेतावनी दी कि ईरान स्थित दूतावासों को प्रभावी तरीके से काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए। नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय जवाबदेहियों को पूरा कर पाने में ईरान की लगातार विफलता का एक राजनयिक समाधान तलाशा जाना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।