समलैंगिकता संभ्रांतों का मुद्दा है : व्यालार रवि
रवि ने लोकसभा परिसर में एक टीवी चैनल से शुक्रवार को कहा, "यह दरअसल कोई मुद्दा ही नहीं है। यह गरीब लोगों का देश है और यह मुद्दा संपन्न लोगों द्वारा उठाया गया है।"
ज्ञात हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूण फैसले में धारा 377 को गैरकानूनी करार देते हुए कहा है कि सहमति वाली समलैंगिकता अपराध नहीं है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद कुछ लोगों ने इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।
रवि ने कहा, "यह सिर्फ सभ्रांतों का मामला है, लिहाजा हमें इससे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं। सरकार अपना जवाब देते समय इस पर कोई फैसला करेगी, लेकिन जहां तक मेरा मानना है यह सभ्रांतों का मुद्दा है, जिससे मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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