सर्वोच्च न्यायालय का मायावती के मूर्ति अभियान को रोकने से इंकार (लीड-1)
प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन और न्यायमूर्ति पी. सथशिवम की खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
खंडपीठ ने दिल्ली के एक अधिवक्ता रविकांत द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा, "अगर मूर्ति स्थापना को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली हुई है तो हम उस पर कैसे रोक लगा सकते हैं? हमारे पास तभी आइए जब भ्रष्टाचार अथवा कोष के दुरुपयोग का कोई आरोप हो।"
ऐसे आरोप हैं कि प्रदेश में कई स्थानों पर इन प्रतिमाओं की स्थापना पर लगभग 20 अरब रुपये खर्च आएगा।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त सूचना का हवाला देते हुए रवि कांत ने अदालत को बताया कि अकेले नोएडा पार्क में ही मूर्ति स्थापना पर 1.87 अरब रुपये की लागत आ रही है।
उन्होंने कहा कि नोएडा पार्क में स्थित सेंट्रल प्लाजा में मायावती की 18 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित स्थापित की जानी है और वहां कांशी राम तथा बी.आर.अंबेडकर की मूर्ति लगाए जाने की भी योजना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।