जहरीली शराब से गुजरात में 84 मौतें, 1,200 अड्डे बंद (राउंडअप)
पुलिस ने पूरे राज्य में घरों में बनी अवैध शराब बेचने वालों की तलाशी का अभियान आरंभ कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि जहरीली शराब पीकर बीमार हुए करीब 170 लोग अभी भी अहमदाबाद के चार अस्पतालों में भर्ती हैं। सोमवार से लोगों की मौतों का शुरू हुआ सिलसिला तेजी से बढ़ता गया।
गुजरात में इस तरह की यह सबसे बड़ी त्रासदी है। विपक्ष ने इस त्रासदी को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात देश का एकमात्र राज्य है जहां शराब की बिक्री पर आधिकारिक प्रतिबंध है।
गुजरात सरकार ने प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य)अमरजीत सिंह को व्यक्तिगत रूप से सिविल अस्पताल, शारदाबेन अस्पताल, एलजी अस्पताल और वीएस अस्पताल में भर्ती लोगों के इलाज की निगरानी करने को कहा है।
सरकार ने त्रासदी की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में चार सदस्यीय आयोग के गठन की घोषणा की है। आयोग 30 तक नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
इस बीच गुजरात विधानसभा में जहरीली शराब कांड को लेकर भारी हंगामा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष अशोक भट्ट ने विपक्ष के नेता शक्तिसिंह गोहिल के सिवाय सभी कांग्रेसी विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया।
उधर, कांग्रेस ने आज अहमदाबाद बंद के आव्हान का ओढव, अमरावाड़ी और पूर्वी अहमदाबाद के कुछ इलाकों में ही आंशिक प्रभाव दिखाई दिया।
पुलिस ने जहरीली शराब के कारण हुई 84 लोगों की मौत मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सुराग उसके हाथ नहीं लग पाया है। अहमदाबाद अपराध शाखा ने बुधवार देर रात हरिशंकर कहार उर्फ हरि नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने इस मामले में प्रमुख संदिग्ध को पकड़ा है और वह जांच में सहयोग कर रहा है। हरि ने जहरीली शराब के असली आपूर्तिकर्ता के बारे में नहीं बताया है जो अब तक एक रहस्य बना हुआ है।"
अधिकारी ने बताया कि हरि को अहमदाबाद के ओढव इलाके से गिरफ्तार किया गया। उसके ठिकाने पर छापेमारी के दौरान सैकड़ों लीटर शराब बरामद की गई।
राज्य सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के अधिकारियों से कहा कि वह अपने इलाकों खासकर मध्य प्रदेश और राजस्थान से सटे जिलों में छापामारी अभियान चलाएं, ताकि अवैध देशी शराब के उत्पादन को पूरी तरह बंद किया जा सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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