राजस्थान में पांच वर्षो में 15,500 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
ऊर्जा मंत्री ने गुरुवार को विधानसभा में विधायक राव राजेन्द्र सिंह के लिखित सवाल के जवाब में बताया कि केन्द्रीय विद्युत सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में वर्ष - में विद्युत मांग की आपूर्ति के लिए लगभग 12731 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की जरूरत होगी, जबकि राज्य में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं से राज्य की क्षमता लगभग , मेगावाट से अधिक हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने व राज्य को विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में निगम के विद्युत उत्पादन केन्द्रों से 3152.35 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में सरकारी स्तर पर विद्युत उत्पादन केन्द्र लगाए जाने प्रस्तावित हैं तथा राज्य सरकार ने विद्युत उत्पादन निगम को 3050 मेगावाट क्षमता की विद्युत परियोजनाओं के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है, जिनसे अगले कुछ वषरें में बिजली उत्पादन प्रारम्भ होने की संभावना है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विद्युत उत्पादन निगमों द्वारा मेगावाट क्षमता की तीन इकाइयों सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन की छठी ईकाई, छबड़ा तापीय विद्युत परियोजना की प्रथम ईकाई एवं कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की सांतवी ईकाई को ग्रिड से सिन्क्रोनाइज किया गया है। इनके अलावा राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत निगम द्वारा 1950 मेगावाट क्षमता की विद्युत परियोजनाओं से भविष्य में अतिरिक्त उत्पादन क्षमता वृद्घि का लक्ष्य है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य में प्रदर्शन संयंत्रों एवं निजी निवेशकर्ताओं के माध्यम से 734.695 मेगावाट क्षमता के पवन एवं 31.3 मेगावाट क्षमता के बायोमास आधारित ऊर्जा संयंत्रों से ऊर्जा उत्पादित की जा रही है तथा राज्य में निजी स्तर पर पवन, बायोमास एवं सौर ऊर्जा के संयत्र लगाया जाना प्रस्तावित है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।