सरबजीत करेंगे ज़रदारी से दया की अपील
चूंकि यहां के सुप्रीमकोर्ट ने सरबजीत की मौत की सजा के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पहले ही ठुकरा दिया है। इसलिए अब राष्ट्रपति से दया की अपील करना ही सरबजीत के लिए आखरी रास्ता है। सरबजीत को वर्ष 1990 में पाक में हुए बम विस्फोटों के लिए दोषी पाते हुए मौत की सजा दी गई है।
सरबजीत से मुलाकात करने के बाद उनके वकील ओवैस कुरैशी ने पत्रकारों से कहा, "मैं बुधवार को दया याचिका दायर करूंगा। मैं राष्ट्रपति से भेंट करना चाहूंगा, इससे मैं मामले को व्यक्तिगत रूप से उनके सामने रख सकता हूं।"
शेख ने कहा कि दया याचिका में सरबजीत का पत्र भी शामिल होगा, जिसमें उसने जरदारी से मानवीय आधार पर क्षमा का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है, "मैं पहले ही 19 साल कैद में गुजार चुका हूं। इस्लाम अपने अनुयायियों को बदला लेने के स्थान पर क्षमा करने की शिक्षा देता है।"
सरबजीत ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उसके मामले को पाक सरकार के सामने उठाने का आग्रह करते हुए भारत में पाकिस्तानी कैदियों से भी मानवीय व्यवहार करने और उन्हें जल्द रिहा करने का निवेदन किया है।