संभवत: गैलीलियो ने की थी वरुण ग्रह की खोज
सिडनी, 7 जुलाई (आईएएनएस)। गैलीलियो की नोटबुक में कुछ ऐसे संकेत मिले हैं,जिससे उसके द्वारा वर्ष 1613 ईसवी में वरुण ग्रह के खोजे जाने की संभावना प्रतीत होती है। यह तिथि वरुण ग्रह की खोज की आज स्वीकार्य तिथि से 234 वर्ष पूर्व की है।
मेलबर्न विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिजिक्स के अध्यक्ष डेविड जेमीसन ने गैलीलियो की नोटबुक का अध्ययन किया और उनका विश्वास है कि नोटबुक में ऐसे प्रमाण हैं कि उन्होंने एक नए ग्रह की खोज की थी,जिसे आज वरुण के नाम से जाना जाता है।
गैलीलियो ने वर्ष 1612 में बृहस्पति के चंद्रमाओं को देखा था और उन्होंने 1613 के अपने सर्वेक्षण को नोटबुक में दर्ज किया।
कई रातों को उन्होंने एक ऐसे तारे को देखा जिसे किसी भी आधुनिक तारे की श्रेणी में नहीं रखा गया। तारा और ग्रह में अंतर होता है ग्रह अपने संबंधित तारे की परिक्रमा करता है। 28 जनवरी 1613 को गैलीलियो ने अपनी नोटबुक में दर्ज किया कि यह तारा वास्तव में अपना स्थान रहा है।
जेमीसन ने कहा कि इसी धुंधले तारे को वास्तव में वरुण ग्रह के नाम से जाना जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।