मध्य प्रदेश में नहीं मिला एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिया
प्रदेश के गृह मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में भाजपा विधायक जीतू जिरेती के एक सवाल के जवाब में बताया कि प्रदेश में 13 मई 09 से 15 जून 09 तक जिला स्तर पर पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए जो पहल की, उसमें पूरे प्रदेश में एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिए को नहीं पकड़ा जा सका है।
उन्होंने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश के सभी 50 पुलिस अधीक्षकों को 13 मई को निर्देश जारी किए गए थे। निर्देश में कहा गया था कि ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि देश के अन्य हिस्सों की तरह बांग्लादेशी घुसपैठिए मध्य प्रदेश में भी हैं। आतंकवादी घटनाओं के मद्देनजर इन घुसपैठियों की पहचान कर इन्हें बांग्लादेश वापस भेजा जाना आवश्यक है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया था कि थाने के स्तर पर सभी किराएदारों की सूची तैयार की जाए और उनके व्यवसाय के साथ व्यक्तिगत ब्योरा दर्ज किया जाए। इतना ही नहीं रिहायशी कालोनियों में और विभिन्न दुकानों में कार्यरत नौकरों का ब्योरा भी लिपिबद्ध करने के लिए कहा गया था।
इसके अलावा विस्थापित बांग्लादेशी नागरिकों की बस्ती में शरणार्थी पहचान पत्र का परीक्षण किए जाने का भी निर्देश दिया गया था।
देवड़ा के मुताबिक 13 मई को जारी निर्देश के आधार पर 15 जून तक जिले स्तर पर घुसपैठियों की तलाश की गई, मगर इस अवधि में एक भी घुसपैठिए की पहचान नहीं हो पाई है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता क़े क़े मिश्रा का कहना है कि भाजपा हमेशा ही आतंकवाद और घुसपैठियों का शोर मचाकर वोट हासिल करना चाहती है। परंतु विधानसभा में दी गई जानकारी ने प्रदेश सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने पूछा है कि सरकार को यह बताना होगा कि झूठा कौन है। अब तक भाजपा झूठ बोलती रही है अथवा प्रशासन ने झूठ बोला है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक उमा शंकर गुप्ता ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि विधानसभा में मंत्री ने इस मसले पर क्या जवाब दिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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