लघु नीतियों की व्याख्या का दस्तावेज नहीं है बजट : मुखर्जी
चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करने के एक दिन बाद उद्योग जगत के साथ बैठक में मुखर्जी ने कहा, "मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम विनिवेश की प्रक्रिया में जनता को शामिल करने के इच्छुक हैं।"
बजट में विनिवेश के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा, "लघु नीतियों की विस्तृत व्याख्या करने का दस्तावेज बजट नहीं है।"
अपने बजट भाषण में मुखर्जी ने कहा था कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की हिस्सेदारी जनता को बेचने के साथ ही विशेषकर बैंकिंग व बीमा कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसदी बनाए रखना चाहती है।
मुखर्जी ने कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां राष्ट्र की संपत्ति है और इन संपतियों का एक हिस्सा जनता के हाथ में होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "इन इकाइयों में सरकार की हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसदी बनाए रखने के साथ मैं लोगों को विनिवेश कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव करूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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