घट रहा बजट पर चर्चा का समय
स्वयंसेवी संस्था पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की ओर से किए गए संसदीय शोध में पिछले 25 वर्षो के रुझान के अध्ययन से पता चला है कि सांसदों द्वारा बजट पर चर्चा में बिताए जाने वाले समय में हर साल लगातार कमी हो रही है औऱ वे इसके प्रति काफी उदास रवैय्या अपनाते हैं।
पीआरएस ने 1984 से 2008 तक संसद में बजट पर हुई चर्चा का अध्ययन किया। सांसदों ने 1985 में बजट की चर्चा पर सर्वाधिक 134 घंटे का समय बिताया जबकि वर्ष 2004 में बजट पर महज 7.2 घंटे की ही चर्चा हुई।
पीआरएस अध्ययन में कहा गया है कि चुनाव वर्षो में अमूमन बजट पर चर्चा के लिए कम समय लगाया जाता है। वर्ष 1984-88 के दौरान ही बजट पर चर्चा का सौ घंटे से ज्यादा देर तक चली। वर्ष 1985 में 134 घंटे, वर्ष 1986 में 124 घंटे और वर्ष 1984 में 101.8 घंटे की चर्चा हुई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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