जी-8 बैठक में शिरकत के लिए मंगलवार को रवाना होंगे प्रधानमंत्री
भारत उभरती अर्थव्यवस्था वाले उन पांच देशों या जी-5 में शुमार है जिन्हें 8-10 जुलाई को होने वाली जी-8 देशों की शिखर बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। जी-5 देशों में भारत के अलावा चीन,ब्राजील, मैक्सिको और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
ला एक्वि ला की स्थापना 13 वीं शताब्दी में हुई थी और उसके इतिहास ताल्लुक पुनर्जागरण से रहा है। यहां रिक्टर पैमाने पर 6.3 की तीव्रता वाले भूकंप में 300 लोग मारे गए थे, 1500 घायल हो गए थे और 60,000 बेघर हो गए थे।
इटली सरकार ने रोम से करीब 100 किलोमीटर दूर ला एक्वि ला को इस शिखर बैठक के आयोजन स्थल के रूप में इसलिए चुना ताकि महज 70,000 की आबादी वाले इस शहर का पुनर्निर्माण प्राथमिकता के साथ तेजी से किया जा सके।
यह शिखर बैठक पहले सारदीनिया के तट पर आइडिलिक द्वीप पर होने वाली थी लेकिन भूकंप पीड़ितों के प्रति वैश्विक एकजुटता प्रदर्शित करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री सिल्वियो बार्लोस्कुनी ने इसे ला एक्वि ला में कराने का फैसला किया।
इटली इस समय जी-8 का अध्यक्ष है और इसी नाते वह यह शिखर बैठक आयोजित कर रहा है। शिखर बैठक में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आर्थिक मंदी, ईरान में परिवर्तन, अफगानिस्तान-पाकिस्तान संकट तथा उत्तर कोरिया की चुनौती जैसे अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर मुख्य रूप से चर्चा होगी।
शिखर बैठक के दौरान बहुत सी द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। इस दौरान मनमोहन सिंह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे। ओबामा इस बैठक में पहली बार हिस्सा लेंगे। इससे पहले मनमोहन सिंह और ओबामा की लंदन में जी-20 देशों की शिखर बैठक के दौरान मुलाकात हुई थी।
प्रधानमंत्री चीन के राष्ट्रपति हू चिनताओ से भी मिलेंगे। एक ही महीने के भीतर यह उनकी दूसरी मुलाकात होगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 10 जुलाई को नई दिल्ली लौट आएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।