आम बजट : कर छूट बढ़ी, कल्याणकारी व आधारभूत योजनाओं पर खर्च में वृद्धि (लीड-1)
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। वर्ष 2014 तक गरीबी आधी करने और प्रतिवर्ष 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराने के वादे के साथ पेश आम बजट 2009-10 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आयकर छूट की सीमा बढ़ाने और कल्याणकारी व आधारभूत योजनाओं के लिए आवंटन में वृद्धि के साथ तेज विकास दर का वादा किया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर छूट की सीमा में 15 हजार रुपये जबकि महिलाओं व अन्य के लिए इसमें 10 हजार रुपये की वृद्धि की गई है। साथ ही वित्त मंत्री ने आयकर पर 10 फीसदी के सरचार्ज को खत्म करने का ऐलान किया है।
मुखर्जी ने करीब 100 मिनट के भाषण में किसानों के लिए नए प्रोत्साहन, भारत निर्माण योजना में 45 फीसदी की वृद्धि, शहरी विकास पर ज्यादा खर्च, ऊर्जा सुरक्षा को प्रोत्साहन के साथ विनिवेश की गाड़ी आगे बढ़ाने की घोषणा की।
उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में बदलाव कर गरीब परिवारों को तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रति माह 25 किलो चावल या गेहूं उपलब्ध कराने के साथ गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के लिए नई स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की।
उद्योग जगत को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने कमोडिटी ट्रांजेक्शन कर को खत्म करने की घोषण की। हालांकि कारपोरेट कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और न्यूनतम अल्टरनेट टैक्स बुक प्रोफिट का 15 फीसदी कर दिया गया है। बुक प्रोफिट वह लाभ होता है जिसका उपयोग नहीं किया गया रहता है।
मुखर्जी ने कारपोरेट जगत को खुश करने के लिए फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को खत्म करने के अलावा पूरे भारत में एक अप्रैल से एक समान वस्तु एवं सेवा कर लगाने और राजनीतिक चंदे पर कर में 100 फीसदी की छूट देने की घोषणा की।
सफेद रंग के बंद गले का सूट पहले 73 वर्षीय मुखर्जी ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार एक ऐसे एजेंडे पर चल रही है जिससे कि प्रतिवर्ष 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार और वर्ष 2014 तक देश में गरीबी आधी की जा सकेगी।
उन्होंने वैश्विक वित्तीय संकट के कारण आर्थिक विकास की दर में आई गिरावट के संदर्भ में कहा, "सरकार चुनौतियों को स्वीकार करती है।" वित्तीय संकट के कारण देश की विकास दर और नौ फीसदी से गिरकर बीते वित्त वर्ष में 6.7 फीसदी हो गई थी।
उन्होंने कहा, "पहली चुनौती सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास की दर को नौ फीसदी पर लाना है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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