लालू समलैंगिकता के खिलाफ, शरद यादव के लिए यह कोई मुद्दा ही नहीं (लीड-1)

By Staff
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लालू प्रसाद ने कहा, "दिल्ली उच्च न्यायालय का यह कहना कि समलैंगिकता अपराध नहीं है और इसके लिए कानून में संशोधन किया जाना चाहिए, एक खतरनाक बात है। मैं इस मुद्दे को संसद में उठाऊंगा और इसके खिलाफ बनाए गए कानून में संशोधन नहीं होना चाहिए।"

लालू ने कहा, "देश में इसे कानूनी मान्यता नहीं प्रदान किया जाना चाहिए।"

लालू प्रसाद ने कहा, "कुछ लोग इसे पसंद कर सकते हैं या इससे सहमत हो सकते हैं, लेकिन इस तरह की हरकतें हमारे समाज में स्वीकार्य नहीं हैं और हम इस तरह की हरकतों को पसंद नहीं करते। यह बहुत बुरी है। यह दुनिया में गंदगी को बढ़ावा देगी।"

दूसरी ओर जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस मामले में अदालत का आदेश स्वीकार करने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि समलैंगिकता भारत जैसे देश में कोई मुद्दा नहीं है।

यादव ने कहा कि भारत में समलैंगिकता युगों पुरानी है। लेकिन उन्होंने आशंका जताई कि अदालत का यह आदेश लोगों के सामने खड़ी वास्तविक समस्याओं से ध्यान बंटाने की सरकार की एक चाल है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक फैसले में वयस्कों के बीच सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर माना है। न्यायालय ने 149 वर्ष पुराने कानून के उन प्रावधानों को बुनियादी अधिकारों के खिलाफ बताया है, जिनके तहत समलैंगिक संबंध अपराध की श्रेणी में आते हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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