केरल में जद-एस विभाजन के कगार पर (लीड-1)
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद यहां देवेगौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, "बैठक में पार्टी के विधायकों को केरल विधानसभा में एलडीएफ (वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा) के साथ बैठने का निर्देश दिया गया है।"
वीरेंद्र कुमार की कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के साथ गठबंधन की मांग को खारिज करते हुए देवगौड़ा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के साथ समान दूरी रखना पार्टी का सैद्धांतिक पक्ष है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व वीरेंद्र कुमार के समर्थक वर्गीज जार्ज को पार्टी से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही देवगौड़ा की आलोचना करने वाले केरल इकाई के महासचिव के.कृष्णकुट्टी के निलंबन के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय का भी अनुमोदन कर दिया।
वीरेंद्र कुमार के कट्टर समर्थक कृष्णकुट्टी ने राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि केवल राज्य इकाई को उनके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है।
बहरहाल वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 12 जुलाई को राज्य समिति की बैठक के बाद ही वह इस मामले पर कोई रुख अपनाएंगे।
केरल में जद-एस का बड़ा धड़ा खुलेआम वाम मोर्चे के खिलाफ काम कर रहा है। पिछली लोकसभा में कोझिकोड संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले वीरेंद्र कुमार अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में खुद के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उम्मीदवार उतारने से नाराज हैं।
केरल के प्रमुख समाजवादियों में से एक वीरेंद्र कुमार ने करोड़ों रुपये के एसएनसी-लवलीन घोटाले में कथित भूमिका के लिए माकपा की केरल राज्य इकाई के महासचिव पिनराई विजयन के खिलाफ खुल कर आवाज बुलंद किया था। उन्होंने माकपा में विजयन के धुर विरोधी मुख्यमंत्री वी.एस.अच्युतानंदन का समर्थन किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।