भयावह परिस्थितियों में हैं विस्थापित पाकिस्तानी : एमनेस्टी
इस्लामाबाद, 4 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच जारी संघर्ष की वजह से बीस लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं लेकिन जिन्हें राहत शिविरों में पनाह नहीं मिल सकी है वे सरकारी सहायता के अभाव में भयावह हालात में हैं।
ऑनलाइन समाचार एजेंसी ने मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के हवाले से कहा है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संघर्ष की वजह से पलायन कर रहे पश्तूनों को सहायता पाने में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़े।
संगठन ने दो दर्जन ऐसे उदाहरण दिए हैं जिनमें पश्तूनों से कहा गया कि जब तक वे सुरक्षा एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लाएंगे तब तक न तो उन्हें किराए पर मकान मिलेगा, न स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिलेंगी और न ही उनके बच्चों को स्कूल में दाखिला मिलेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर और दक्षिणी वजीरिस्तान में सरकार द्वारा सैन्य अभियान तेज किए गए हैं लेकिन विस्थापितों को तत्काल राहत नहीं मिल रही है।
एमनेस्टी के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के निदेशक सैम जारिफी ने कहा है कि विस्थापितों के पंजीकृत शिविरों के बाहर रहने से हालात और खराब हो रहे हैं। एजेंसी के अनुसार विस्थापित हुए 90 प्रतिशत लोगों को राहत शिविरों में पनाह नहीं मिली है और वे मलिन बस्तियों और खाली छोड़ दी गई इमारतों में रहने को विवश हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गर्मी तथा मानसून की वजह से छूत की बीमारियां फैलने की आशंका के प्रति चेताया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।