केक बेच कर एवरेस्ट बचाने की मुहिम
सुदेशना सरकार
काठमांडू, 4 जुलाई (आईएएनएस)। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट से कचरे के ढेर को साफ करने के लिए एक पर्वतारोही ने आधार शिविर पर एक बेकरी स्थापित की है। इस बेकरी हुई आय से कचरा हटाने वालों की मजदूरी का भुगतान होता है।
वर्ष 2007 में पहली बार 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ाई करने वाले दावा स्टीवन शेरपा ने 5,330 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित आधार शिविर पर बेकरी स्थापित की है। यहां खाद्य पदार्थो के दाम काठमांडू की तुलना में तीन गुना मंहगे हैं लेकिन यहां से होने वाली हर 100 नेपाली रुपये की आय एवरेस्ट क्षेत्र से 100 किलोग्राम कचरा हटाने वाले को दी जाती है।
दावा ने सर एडवर्ड हिलेरी की याद में 'कचरे के लिए नकद' योजना को पिछले वर्ष आरंभ किया। पिछले वर्ष इस योजना के तहत एवरेस्ट से एक टन कचरा हटाया गया था। इस वर्ष करीब छह टन कचरा और एक टन से अधिक हेलीकाप्टर का मलबा साफ किया गया।
दावा ने कहा कि एक अमेरिकी पर्वतारोही निकोलस कनिंघम ने 100 किलोग्राम कचरा लाने वाले को 100 नेपाली रुपये देने को कहा था, इससे प्रेरित होकर उन्होंने खुद इस काम को करने का निर्णय लिया।
इस वर्ष कचरा इकट्ठा करने की लागत 900,000 नेपाली रुपये हो गई। इस काम में आर्थिक मदद के लिए दावा अपने पिता सेरिंग शेरपा और एशियन ट्रेकिंग कंपनी तथा पर्वतारोहण सामग्री बनाने वाली नार्थफेस के आभारी हैं।
जलाने वाला कूड़ा सागरमाथा प्रदूषण नियंत्रण समिति के हवाले कर दिया जाता है और शेष को खुमजुंग गांव में लाकर दावा परिवार के गोदाम में रखा जाता है। दावा की योजना नेपाल और विदेशों के कला छात्रों को लाकर इस कचरे के सामान से कलाकृतियों का निर्माण करवाना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**