भारतीय उच्चायुक्त ने कोई अनुचित व्यवहार नहीं किया : बांग्लादेश

By Staff
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भारतीय उच्चायुक्त ने भारत की तिपाईमुख बांध परियोजना का विरोध कर रहे बांग्लादेशी जल संसाधन विशेषज्ञों को तीन जून को कथित रूप से 'तथाकथित विशेषज्ञ' कहा था।

सत्ताधारी अवामी लीग के प्रवक्ता और स्थानीय स्वशासन व सहकारिता मंत्री सईद अशरफुल इस्लाम ने गुरुवार को मीडिया से कहा था, "एक पड़ोसी मित्र देश के प्रतिनिधि के रूप में भारतीय उच्चायुक्त ने अपना विचार और दृष्टिकोण व्यक्त किया है।"

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मंत्री का यह विचार एक तरह से बांग्लादेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के, तिपाईमुख बांध परियोजना स्थल (भारत के मणिपुर राज्य में प्रस्तावित) के दौरे के पूर्व अनुकूल माहौल तैयार करने का एक हिस्सा है।

समाचार पत्र 'न्यू एज' ने अशरफुल इस्लाम के हवाले से लिखा है कि अमेरिका और चीन जैसे विभिन्न देशों के राजदूत विभिन्न मौकों पर देश के आंतरिक मुद्दों पर खुल कर बातचीत कर चुके हैं।

भारत के एक प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को कहा था कि विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के सदस्यों सहित सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल बांध स्थल का दौरा करेगा।

पर्यावरणविदों और गैरसरकारी संगठनों का कहना है कि बराक नदी पर प्रस्तावित बांध से नदी के निचले हिस्से में पानी की मात्रा कम हो जाएगी और इससे सीमा के दोनों तरफ पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा।

इस मुद्दे पर तीन जून को आयोजित एक चर्चा में हिस्सा लेते हुए भारतीय उच्चायुक्त पिनाक रंजन चक्रबर्ती ने कहा था कि बांग्लादेश में ऐसे तथाकथित पर्यावरण विशेषज्ञ हैं, जिनके पास कोई बुनियादी आंकड़े तक नहीं है और वे बांध का विरोध कर रहे हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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