बिहार की प्रमुख नदियां ऊफान पर, बाढ़ का खतरा (लीड-1)

By Staff
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बाढ़ के खतरे को देखते हुए बाढ़ संभावित सभी क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को चौकस रहने का आदेश दिया गया है। नेपाल तथा बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

बीरपुर बैराज के अधीक्षण अभियंता एम़ एफ हमीद ने शुक्रवार को बताया कि बैराज के ऊपर कोसी में 1,88,951 क्यूसेक पानी है जबकि बहाव के समय पानी 1,86,951 क्यूसेक है। उन्होंने बताया कि कोसी नदी के कैनाल में 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। गुरुवार को बीरपुर बैराज में 1़ 27 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था। पानी के बहाव के कारण बैराज में दबाव बना हुआ है।

बढ़ते जलस्तर के कारण मधेपुरा तथा अररिया की कई छोटी नदियां ऊफान पर हैं। वाल्मीकिनगर में गंडक बैराज का जलस्तर 1़ 71 लाख क्यूसेक बना हुआ है। लखीसराय जिला में किउल तथा हरूहर नदी में जलस्तर बढ़ जाने के कारण पिपरिया प्रखंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है।

नेपाल में हो रही भारी बारिश के बाद कटिहार जिला के कुरसेला रेल ब्रिज पर कोसी का जलस्तर 24़ 85 मीटर है, जो खतरे के निशान से नीचे है। हालांकि इसमें बढ़ोतरी के संकेत हैं।

केन्द्रीय जल आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, वहीं गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को संवेदनशील तटबंधों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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