26/11 मास्टरमाइंड की रिहाई को चुनौती
'डॉन न्यूज' ने खबर दी है, "पंजाब सरकार ने हाफिज सईद की रिहाई के लाहौर उच्च न्यायालय के पहले के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय की लाहौर रजिस्ट्री में चुनौती दी है।"
गत दो जून लाहौर उच्च न्यायालय ने पर्याप्त सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए सईद को रिहा कर दिया था। उसके वकील ए.के. डागर ने उस समय कहा था, "न्यायालय ने सईद की गिरफ्तारी को संविधान और देश के कानून का उल्लंघन करार दिया है।"
लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है सईद
सईद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए तैयबा का संस्थापक भी है, जिसे भारत 26 नवंबर के मुंबई आतंकी हमलों के लिए दोषी ठहराता है। दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमले के बाद बने अंतर्राष्ट्रीय दबाव की वजह से पाकिस्तान ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद लश्कर-ए तैयबा ने जमात-उद-दावा की सूरत अख्तियार कर ली।
मुंबई हमलों के दौरान गिरफ्तार हुए एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब ने कबूल किया है कि वह पाकिस्तानी नागरिक है और उसे मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए तैयबा ने प्रशिक्षित किया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जमात-उद-दावा को आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद सईद को गत दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था।
सईद को पहले-पहल एक महीने के लिए हिरासत में लिया गया था और उसके बाद उसकी हिरासत की अवधि बढ़ाई जाती रही। गत पांच मई को उसकी हिरासत की अवधि 60 दिन के लिए बढ़ा दी गई।
संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई के बाद जमात-उद-दावा के करीब 40 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया और देश भर में उसके दर्जनों दफ्तरों तथा राहत इकाइयों को ताले जड़ दिए गए थे। मुंबई आतंकी हमलों में 170 से ज्यादा लोग मारे गए थे जिनमें 26 विदेशी थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।