पश्चिम बंगाल के स्थानीय निकायों में तृणमूल-कांग्रेसगठजोड़ की जीत (लीड-1)
अपना दबदबा बनाते हुए कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन ने 16 नगरपालिकाओं में से 13 नगरपालिकाओं पर कब्जा कर लिया है। इस तरह वाम मोर्चा मात्र तीन नगरपालिकाओं तक सिमट कर रह गया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता तृणमूल कांग्रेस के पार्थ चट्टोपाध्याय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राज्य की जनता ने कांग्रेस और तृणमूल गठबंधन में अपना भरोसा जताया है। स्थानीय निकाय चुनाव के परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि राज्य की जनता पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार को नहीं चाहती।"
इसे आम आदमी की जीत करार देते हुए चट्टोपाध्याय ने कहा, "वाम मोर्चा सरकार को अब राज्य में सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है।"
रविवार को नगरपालिका की जिन 17 सीटों पर मतदान हुआ था, उनमें से विपक्ष ने दक्षिणी बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जैसे जिलों में छह स्थानीय निकायों पर कब्जा जमा लिया।
विपक्षी गठबंधन ने कई ग्रामीण निकायों में भी अच्छे मत हासिल किए हैं।
अभी तक 10 जिलों की 16 नगरपालिकाओं में से 11 पर वाम मोर्चे का कब्जा था। कांग्रेस तीन नगरपालिकाओं पर काबिज थी, जबकि तृणमूल के पास एक नगरपालिका थी।
हालांकि वाममोर्चा उत्तर 24 परगना में राजरहाट-गोपालपुर नगरपालिका पर अपना नियंत्रण बरकरार रखने में कामयाब रहा है।
राज्य के उत्तरी हिस्से में जलपाईगुड़ी जिले की माल नगरपालिका और दक्षिण दिनाजपुर जिले की गंगारामपुर नगरपालिका ने वाममोर्चे को राहत दी है।
ज्ञात हो कि हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-तृणमूल-सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया गठबंधन ने राज्य की 42 में से 26 सीटे जीती थीं जबकि वाममोर्चे को महज 15 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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