स्वास्थ्य योजनाओं का प्रभावी प्रचार प्रसार जरूरी : स्वास्थ्य मंत्री
खान बुधवार को यहां स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा राज्य में गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही आई. ई. सी. गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गत तीस वर्षो से परिवार कल्याण एवं जनसंख्या स्थायित्व के लिए किए जा रहे सरकारी प्रोपेगंडा से अब तक अपेक्षित परिणाम नहीं आए हैं। उन्होंने बताया कि योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी के अभाव में परिवार कल्याण, जनसंख्या स्थायित्व के अतिरिक्त रहन-सहन, खान-पान में भी समुचित परिवर्तन का अभाव रहा है।
खान ने स्वास्थ्य योजनाओं का गांवो में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि प्रचार कार्य में धर्मगुरुओं का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के उत्साहित नजरियों को ध्यान रखते हुए मेले, धार्मिक उत्सव, एवं त्यौहारों पर प्रचार-प्रसार के लिए परम्परागत तरीके जैसे नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी, कठपुतली, ढोल-नगाड़े इत्यादि का सहारा लिया जाए। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बदलते परिप्रेक्ष्य में प्रिन्ट मीडिया एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार के लिए व्यावसायिक संस्थाएं अधिक कारगर सिद्घ हो रही हैं। उन्होंने बताया ऐसे संस्थाओं को थीम देकर आकर्षक एवं प्रभावशाली ग्रामीण परिवेश से जुड़े आडियो वीडियो स्पॉट तैयार कर अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि परम्परागत तरीकों के साथ-साथ व्यावसायिक तरीकों का समन्वय होना चाहिए ।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संस्थाओं द्वारा अलग-अलग की जा रही आई.ई.सी. के लिए भी पूल सिस्टम को विकसित किया जाए ताकि कार्यक्रमों में एकरूपता बन सके ।
बैठक में केयर, यूनिसेफ, नीपी, पी.एस.आई., लैप्रोसी, मलेरिया, क्षय, एड्स, आर.सी.एच., आर.एच.एस.डी.पी., इत्यादि द्वारा की जा रही आई.ई.सी. पर संबंधित अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी दी एवं उपलब्ध बजट की समीक्षा की गई ।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।