आईआईटी में शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नर संशय नहीं:सिब्बल
आईआईटी दिल्ली में देश भर के सभी 12 आईआईटी संस्थानों के एक कार्यक्रम में सिब्बल ने कहा, "आईआईटी संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण एक वास्तविकता है और उसे हटाने की कोई भी कोशिश व्यर्थ होगी।"
सिब्बल ने यह टिप्पणी उस समय की जब आईआईटी दिल्ली के निदेशक सुरेंद्र प्रसाद ने कहा, "महोदय , हम फैकल्टी में आरक्षण के बारे में कुछ दुविधाग्रस्त हैं। इस बारे में हम लोगों को कुछ मानसिक तनाव है। हम दुविधा में हैं।"
इसके जवाब में सिब्बल ने अपना रुख स्पष्ट किया और कहा, "जब हम निचले तबके को ऊपर उठाएंगे तो यह समस्या सुलझ जाएगी। आपको इसे मानना ही होगा।"
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पिछले साल सभी आईआईटी संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की वकालत की थी। हालांकि सभी संस्थानों ने इसका विरोध किया था।
सिब्बल ने कहा कि आईआईटी संस्थान इसके लिए दुविधा में हो सकते हैं लेकिन सरकार नहीं। उन्होंने कहा, "हम दुविधा में नहीं है। इस मसले को संवेदनशीलता और सावधानी से हल किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि कोई भी संस्थान अलग-थलग रहकर नहीं चल सकता। उसे सभी को साथ लेकर चलना ही होता है।
आईआईटी संस्थानों ने इस पर अप्रसन्नता जाहिर की लेकिन उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। आईआईटी मद्रास के निदेशक एम.एस. अनंत ने हालांकि आईएएनएस से कहा, "हम इस मसले चर्चा करेंगे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।