ममता पेश करेंगी घाटे का रेल बजट
रेलवे बोर्ड के अनुसार इस साल मंदी के कारण राज्य संग्रह में कमी आई है। साथ ही किराये में कमी के कारण भी रेलवे को तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और इसके उलट रेलवे ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर कर्मचारियों को 14 हजार करोड़ दिए हैं।
अब अगर ऐसे में ममता बनर्जी बिना किराया बढ़ाए छात्रों और बुजुर्गो को रियायती पास उपलब्ध कराने और अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का फैसला करती हैं तो इससे वित्तीय स्थिति और भी दयनीय होगी।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अंतरिम बजट ने पहले ही यह संकेत दे दिए हैं कि चालू वित्त वर्ष में रेलवे का परिचालन व्यय बढ़कर 88.3 प्रतिशत हो सकता है। अधिकारियों ने कहा "बिना किराया बढ़ाए जिस तरह की रियायतों की बात की जा रही है उससे लगता है कि परिचालन व्यय का अनुपात बढ़कर 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।"
बनर्जी पहले ही कह चुकी है कि वह बिना किराया बढ़ाए वर्तमान 'तत्काल सेवा' और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन के टूर पैकेजों, भोजन की गुणवत्ता और अन्य यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाएंगी।
कार्यभार संभालने के बाद मीडिया से पहली मुलाकात में बनर्जी ने कहा था, "हमारा लक्ष्य केवल राजस्व इकट्ठा करना नहीं है बल्कि हम यात्रियों की सुविधाओं का भी ख्याल रखेंगे।" उन्होंने कहा था, "रेलवे की सुविधाओं की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई है। भोजन की गुणवत्ता काफी खराब है, रेलगाड़ियों में गंदगी है और शुद्ध पेयजल और प्लेटफार्मो पर न्यूनतम सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है।" उन्होंने कहा था कि यात्रा करने के बाद यात्री को खुशी महसूस होनी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।