विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाशक्ति आगे आए : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मंगलवार को डबोक (उदयपुर ) के महाराणा प्रताप हवाई अड्डा के प्रताप प्रांगण में महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं। समारोह में राजस्थान के राज्यपाल एस.के.सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री डॉ. सी.पी.जोशी, प्रदेश के ऊर्जा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. जितेन्द्रसिंह, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकासमंत्री भरत सिंह, सांसद डॉ. गिरिजा व्यास, रघुवीर मीणा एवं गोपाल सिंह शेखावत, शिक्षाविद् एवं सामाजिक चिंतक डॉ. देवीसिंह शेखावत, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के चेयरमेन वी.पी. अग्रवाल, महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के चेयरमेन एवं प्रबंध न्यासी अरविन्दसिंह मेवाड़ सहित क्षेत्रीय विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण, विभिन्न समाजों, संस्थाओं व संगठनों के प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
पाटिल ने महाराणा प्रताप की अश्वारूढ़ प्रतिमा का विधिवत लोकार्पण किया तथा पुष्पांजलि अर्पित की और प्रताप की प्रतिमा के सम्मुख श्रद्घापूर्वक नमन किया। राष्ट्रपति ने मेवाड़ अधिपति परमेश्वरजी महाराज एकलिंगजी की प्रतिमा पर पुष्पार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन कर लोकार्पण समारोह की शुरुआत की।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के नवनिर्माण में विशाल युवाशक्ति का लाभ उठाकर सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसके लिए युवाओं को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का दिग्दर्शन कराना होगा। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं और सद्भाव तथा सौहार्दपूर्ण समाज और राष्ट्र भक्ति के निर्माण में महाराणा प्रताप ने जिन आदशरें को अपनाया वे युगों तक हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
उन्होंने हवाई अड्डे पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लोकार्पण पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे हवाई अड्डा और प्रताप उद्यान दोनों की सुन्दरता और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने इस कार्य में सहयोग देने वाले व्यक्तियों और आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के विकास से उदयपुर के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं गौरवमयी एवं शौर्यपूर्ण इतिहास की सुगंधभरी मेवाड़ की धरती पर राष्ट्रीय गौरव व स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करना सर्वथा उपयुक्त है।
राष्ट्रपति ने कहा कि लोग महाराणा प्रताप की प्रतिमा जब-जब देखेंगे तो यह प्रतिमा उन्हें प्रताप के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेगी। साथ ही हमें देश और समाज के प्रति हमारे दायित्वों का भी स्मरण कराती रहेगी और इससे राष्ट्राभिमान, स्वावलम्बन और पराक्रम की भावना से हमारा सिर ऊंचा उठेगा।
राज्यपाल एस.के.सिंह ने भक्ति और शक्ति की प्रतीक राजस्थान की धरती पर महाराणा प्रताप को अतुल पराक्रम, शौर्य, स्वाभिमान और समर्पण का प्रतीक बताया और कहा कि वे राष्ट्रीय एकता के संवाहक रहे हैं जिन्होंने सभी कौमों को साथ लेकर लड़ाई लड़ी और इसी एकता के बूते आजादी सम्भव हुई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मूर्ति स्थापना को ऐतिहासिक बताया और कहा कि शौर्य, पराक्रम, देशभक्ति, तपस्या, त्याग और बलिदान के प्रतीक महाराणा प्रताप के प्रति राजस्थान प्रदेशवासियों के मन में गर्व है और अब यह मूर्ति देश दुनिया तक उनकी गाथाओं और संदेशों को पहुंचा कर प्रदेश को गौरवान्वित करेगी। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री डॉ. सी.पी.जोशी ने महाराणा प्रताप को मौजूदा दौर में प्रासंगिक बताते हुए कहा कि प्रताप के मूल्यों को आत्मसात करते हुए समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित होने, देश को ताकतवर बनाने और गरीब की सेवा में जुटने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के चेयरमेन एवं प्रबंध न्यासी अरविन्दसिंह मेवाड़ ने अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सहित तमाम अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि हवाई अड्डे के नामकरण के समय से ही उनकी यह इच्छा थी जो आज साकार हुई । उन्होंने कहा कि मेवाड़ मानव मूल्यों की सेवा के प्रति वचनबद्घ रहा है और युग धर्म पालन व कत्र्तव्य बोध के साथ मेवाड़ के आदर्श जीेवन मूल्यों को साकार करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।