राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जन सुनवाई की
आयोग के अध्यक्ष न्यायाधिपति पांडियन ने इन जातियों/उपजातियों के उपस्थित प्रतिनिधियों से कहा कि प्राप्त प्रस्तावों पर कानून के दायरे में रह कर कार्यवाही की जायेगी। जनसुनवाई के असवर पर मेव, मोयला/मुसला (मुस्लिम कुम्हार), नागौरी (मुस्लिम), खी छीपा, रंगासामी (अदभोपा), राना वायती (बारोट), निषाद भिश्ती, सिंधी मुसलमान, देशवाली, चरणिया, गायरी, खारडिया, कलाल (मेवाड़ा, सुवालका, जायसवाल, आहलूवालिया, पटेल), सुआरा और कचेरा जाति/समुदाय/ उपजाति/ पर्याय के प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत होकर उनकी जाति/उप जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में सम्मिलित करने के पक्ष में निवेदन कर प्रमाण पत्रों सहित अपने आवेदन प्रस्तुत किए।
राज्य की इन 15 जातियों में से मोयला/मुसला (मुस्लिम कुम्हार) और चरणिया जातियों को छोड़ कर शेष 13 जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग की राज्य सूची में सम्मिलित हैं। वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग की राज्य सूची में 82 तथा केन्द्रीय सूची में 65 जातियां/ जनजातियां सूचीबद्घ है।
सुनवाई के दौरान अन्य कुछ जातियों/संघों एवं संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी आयोग के सम्मुख अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव डॉ. (श्रीमती) मालोविका पवार, आयुक्त डॉ. आर. वेंकटेश्वरन, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्री एन.के. खीचा, उप निदेशक (पिछड़ी जाति) श्री रामवीरसिंह भदौरिया सहित अन्य अधिकारी तथा विभिन्न जातियों/उप जातियों/संघों एवं संगठनों के लगभग 70 प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।