सुरक्षा बलों का जनजातीय मुख्यालय व नक्सलियों के गढ़ पर कब्जा (राउंडअप)

By Staff
Google Oneindia News

विद्रोहियों ने सुरक्षा बलों को रोकने के लिए उन पर गोलीबारी की और कई बारूदी सुरंगों में विस्फोट किया। लेकिन अपनी सफलता से उत्साहित केंद्रीय सुरक्षा बल और पश्चिम बंगाल सशस्त्र पुलिस के जवान आगे बढ़ते गए और उन्होंने इलाके में अपनी निर्णायक उपस्थिति कायम कर ली।

इसे लालगढ़ इलाके में कानून के शासन की वापसी का एक संकेत माना जा सकता है। लेकिन सुरक्षा कर्मी जहां एक ओर विद्रोहियों के साथ जमीनी जंग में उलझे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर कोलकाता में बैठे राजनीतिज्ञ राजनीतिक खेल खेलने से बाज नहीं आ रहे।

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व रेल मंत्री ममता बनर्जी लालगढ़ में कार्रवाई को रोकने की मांग कर रही हैं। उनका आरोप है कि सुरक्षा बलों के साथ राज्य में सत्ताधारी पार्टी के गुंडे इलाके में प्रवेश कर रहे हैं और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को प्रताड़ित कर रहे हैं।

बनर्जी ने मीडिया से कहा, "प्रमुख नक्सली बाकुरा जिले के सारेंगा से होते हुए पलायन कर गए हैं। राज्य की सत्ताधारी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने उन्हें भागने का मौका मुहैया कराया है। यह पूरा मामला माकपा द्वारा रचा हुआ एक नाटक है और वह अपने गुंडों के जरिए अपनी खोई जमीन वापस हासिल करना चाहती है।"

बहरहाल, सोमवार का पूरा दिन सुरक्षा बलों का रहा। केंद्रीय व राज्य सशस्त्र बल के जवानों का एक दल लालगढ़ में दक्षिण की ओर से आगे बढ़ा और उसने कांतापहाड़ी पर कब्जा कर लिया, वहीं दूसरा दल उत्तर में रामगढ़ से मार्च करते हुए बाड़ापेलिया गांव में प्रवेश किया। यह गांव नक्सलियों के समर्थन वाले पुलिस संत्रास विरोधी जनसाधारण समिति (पीसीएपीए) का गढ़ माना जाता है।

राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) राज कन्नौजिया ने कोलकाता में कहा, "सुरक्षा बलों के दोनों दलों ने बाद में कांतापहाड़ी इलाके में आपस में मुलाकात की और वहां उन्होंने एक आधार शिविर स्थापित किया।"

पीसीएपीए के प्रमुख छत्रधर महतो सहित इस संगठन का पूरा नेतृत्व भूमिगत हो गया है और पुलिस ने उन सभी की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रखा है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि कोटेश्वर राव और बिकाश जैसे शीर्ष नक्सली नेता इलाके से भाग गए हैं। लेकिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की इकाई कंबैट बटालियन फॉर रिसल्यूट एक्शन (सीओबीआरए) के जवान जगलों में उन नेताओं की चप्पे-चप्पे तलाश करने में जुटे हुए हैं।

लालगढ़ से दोनों दलों का नेतृत्व कर रहे राज्य पुलिस के उप महानिरीक्षक (मिदनापुर रेंज) प्रवीण कुमार ने सोमवार की कार्रवाई को एक बड़ी सफलता बताया है। लेकिन उन्होंने कहा, "यह सफलता समग्र कार्रवाई का एक हिस्सा भर है। कार्रवाई अभी जारी रहेगी। हमें इलाके में सामान्य स्थिति बहाल करानी है, ताकि वहां विकास कार्य शुरू किया जा सके।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X