सुरक्षा बलों का जनजातीय मुख्यालय पर कब्जा (लीड-1)
सुरक्षा बल के जवान अब इलाके में निर्णाय स्थिति में आ चुके हैं। इसे लालगढ़ इलाके में कानून के शासन की वापसी का एक संकेत माना जा सकता है।
केंद्रीय व राज्य सशस्त्र बल के जवानों का एक दल लालगढ़ में दक्षिण की ओर से आगे बढ़ा और उसने कांतापहाड़ी पर कब्जा कर लिया वहीं दूसरा दल उत्तर में रामगढ़ से मार्च करते हुए बाड़ापेलिया गांव में प्रवेश किया। यह गांव नक्सलियों के समर्थन वाले जनसाधारण समिति (पीसीएपीए) का गढ़ माना जाता है।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) राज कन्नौजिया ने कोलकाता में कहा, "सुरक्षा बलों के दोनों दलों ने बाद में कांतापहाड़ी इलाके में आपस में मुलाकात की और वहां एक आधार शिविर स्थापित किया।"
पीसीएपीए के प्रमुख छत्रधर महतो सहित इस संगठन का पूरा नेतृत्व भूमिगत हो गया है और पुलिस ने उन सभी की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रखा है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि कोटेश्वर राव और बिकाश जैसे शीर्ष नक्सली नेता इलाके से भाग गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।