सुरक्षा बलों का रामगढ़ पर कब्जा (राउंडअप)
नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को चुनौती दी और उन पर गोलीबारी की। रामगढ़ छोड़ने से पहले उन्होंने आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के कार्यालय में आग लगा दी।
सुरक्षा बलों ने रामगढ़ आउटपोस्ट पर अपना आधार शिविर स्थापित किया है। नक्सलियों ने आउटपोस्ट को आग लगाने के साथ ही 15 जून को इलाके से नागरिक अधिकारियों को भगा दिया था।
लंबे समय से नक्सलियों के आतंक के साये में जी रहे रामगढ़ के ग्रामीणों ने शनिवार को यहां पहुंचे सुरक्षा बलों का जोरदार स्वागत किया।
घने जंगल और नक्सलियों से मुकाबला करते हुए रामगढ़ पहुंचे सुरक्षा बलों के जवानों को ग्रामीणों के सकारात्मक रवैये से भारी आश्चर्य हुआ,यद्यपि अधिकांश ग्रामीण अपने घरों से पलायन कर गए हैं।
केंद्रीय अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस बल के जवान घने जंगलों को पार करते हुए और बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करते हुए आगे बढ़े। इस दौरान उनकी नक्सलियों से मुठभेड़ भी हुई। मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई।
सुरक्षा बलों की यह संयुक्त कार्रवाई बांकुड़ा जिले की सीमा से सटे गोलतोर स्थित शिविर से शुक्रवार को आरंभ हुई थी।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) राज कनौजिया ने आईएएनएस से फोन पर बातचीत में कहा, "सुरक्षा बलों के जवान रामगढ़ पहुंच चुके हैं। नक्सली वहां से भाग गए हैं। अब वहां कोई नक्सली नहीं है।"
उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों का कोई जवान हताहत नहीं हुआ है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 18 जून को शुरू हुए सुरक्षा बलों के इस अभियान के बाद से अब तक तकरीबन 30,000 ग्रामीण सुरक्षा बलों के भय से अपने-अपने घरों से भाग गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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